देश के महान नेताओं में से एक है जिनका जन्म दिसम्बर 1924 को हुआ, इनका जन्म बुध की महा दशा (1924-1932) में हुआ जो दो ग्रहो के साथ धन भाव में मौजूद है इनकी प्रारंभिक शिक्षा साधारण थी ।
केतु 1932-1939 पर इन्होन कानपुर से परा स्नातक राजनीति विज्ञान से विज्ञान से किया जिसके कारण इनकी कुण्डली में मौजूद लग्न का शुक्र है, ये अच्छे सलाहकार थे हर तरह के प्रबंधन के गुण मौजूद थे, बुद्ध आदित्य योग का धनभाव में होना है।
शुक्र 1939-1959 इस महादशा ने इनके जीवन को एक नया मोड़ दिया आर.ऐस.ऐस. को ज्वाइन किया, क्यों कि इनकी कुण्डली में शुक्र लग्नेश होकर राजयोग कारक है। इस महादशा के दौरान इनके राजनैतिक लोगो से संबंध बने और समाज सेवी दलों से जुडे़ जहा पर इनके कार्यो की प्रशंसा की गई साथ ही साथ इनके अंदर एक नया जोश देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा भाग्य स्थान के राहु तुला के उच्च के शनि ने दिया साथ ही शनि इनको वैराग्य का गुण भी प्रदान भी किया । इनको नेशनल प्रेसिडेंट आफ लोक सभा (1957) चुना गया ।
सूर्य 1959-1965 इस महादशा ने इनकी किस्मत को चमकाने का काम किया इस महादशा के दौरान ही कई विदेश दौरे भी किये और इनके कई उच्च राजनीतिक लोगों से संबंध बने रहे ।
चन्द्र 1965-1975 इस महादशा के दौरान इनके लिए कुछ खास नही रही लेकिन इनको जनसभा का राश्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया इस समय इनके कार्यो की प्रसंशा की गई और इनके अंदर अच्छे राजनैतिज्ञ गुण निखर कर बाहर आये यह सूर्य गुरू की युति ने इन्हे दिया । 1974 में न्युक्लियर टेस्ट ने इनको विश्व प्रसिद्ध नेताओं में खाडा कर दिया ।
मंगल 1975-1982 इस येाग कारक महादशा के दौरान इन जनता का खूब सहयोग मिला साथ ही राजनीति में इन्हे एक अलग मुकाम पर पहुचा दिया । 1977 मे इन्होन भा.जा.पा. ज्वाइन किया , 1980 पडोसी देश पाक और चाइना से महत्वपूर्ण समझौते किये जो कि अभूतपूर्व कार्य था। इनकी वाक पटुता मंगल की देन है ।
राहु 1982-2000 यह महादशा इनके जीवन का कारन्ट थी जिसने आसमान की बुलन्दी पर पहुचा दिया l 1984 में पार्लियामेंट की सीट जीत चुके थे। इस महादशा के दौरान ही पाकिस्तान के खिलाप 1999 में ’’आपरेशन विजया’’ में सफल रहे साथ अब्दुल कलाम के साथ 19988 में द्वितीय न्यूक्लियर टेस्ट राहु की ही देन है। जो इनकी कुण्डली भाग्य स्थान में मौजूद है ने देश को विश्व विजय बना दिया । साथ ही 1984 इलेक्षन मे बाजपेयी सफल रहे । 1996 में यह सिर्फ 13 दिन ही आफिस गये काम करने का यह कारंट इनको केवल राहु ने ही दिया । इसी महादशा के दौरान 1996 और 1998 से 2004 में मध्य देश के प्रधान मंत्री रहे। 1992 में पद्म विभुशण से सम्मानित किया गया । 1993 में डी.लिट. कानपुर से किया । इसी महादशा के दौरान 1994 भारत रत्न पुरूस्कार और लोक बाल गंगाधर तिलक आवर्ड दिया गया । इस महादशा के दौरान देश में भी राजनीतिक दौर काफी गरमाया रहा देश पर हमले हुये 1992 में बाबरी मस्जिद काण्ड हुआ क्यों कि देश के प्रधान मंत्री पद पर रहते हुये राहु ने यह सब फल घटित कीयें।
गुरू 2000-2016 इस महादशा के दौरान इन्होने प्रधान मंत्री पद रहते हुये काफी अच्छे कार्य कीयें। नई योजनाए लागू की जिससे देश में सुधार हुआ एक गुरू की तरह कर्तव्य निष्ठा और देश सेवा भावना इनमें देखने को मिली इनमें अच्छे सलाहकार के गुण और अधिक जाग्रत हुयें राजनीतिक गुरू के साथ साथ देश के युवाओं के भी आदर्श बने 26 जुलाई 2012 में धन भाव के गुरू ने जो सूर्य के साथ है इनके आप्रेसन विजय के सम्मान मे कारगिल विजय दिवस घोषित किया । वर्तमान सरकार ने 2015 में इन्हे विशेष सम्मान से पुरूस्कृत किया । इसी गुरू की वजह से इनको गृहस्थ सुख की चाह नही थी और शनि ने भी जो कि गुरू पर दृष्टि है ने वैराग्य के गुण प्रदान कीये ।
शनि 2016 से वर्तमान शनि में सूर्य का अन्तर होने से इनकी सेहत और विदेशी दौरे के योग बनेगे साथ ही देश के लिए कुछ नई योजनाएं कुछ नये विचार कुछ नई तकनीक ये इजाद करेगे, साथ ही तकनीकी और आतंकवाद से निपटने के लिए इनकी सलाह कारगर रहेगी।