दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
07:19 - 08:36 रोग |
17:36 - 19:19 काल |
08:36 - 09:54 उद्वेगवार वेला |
19:19 - 21:02 लाभकाल रात्रि |
09:54 - 11:11 चर |
21:02 - 22:45 उद्वेग |
11:11 - 12:28 लाभ |
22:45 - 24:28+ शुभ |
12:28 - 13:45 अमृत |
24:28+ - 26:11+ अमृत |
13:45 - 15:02 कालकाल वेला |
26:11+ - 27:54+ चर |
15:02 - 16:19 शुभ |
27:54+ - 29:37+ रोग |
16:19 - 17:36 रोग |
29:37+ - 31:19+ काल |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।