दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
06:13 - 07:48 चर |
18:58 - 20:22 रोग |
07:48 - 09:24 लाभ |
20:22 - 21:47 काल |
09:24 - 11:00 अमृत वार वेला |
21:47 - 23:11 लाभ काल रात्रि |
11:00 - 12:35 काल काल वेला |
23:11 - 24:35+ उद्वेग |
12:35 - 14:11 शुभ |
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14:11 - 15:47 रोग |
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15:47 - 17:22 उद्वेग |
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17:22 - 18:58 चर |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।