दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
05:49 - 07:27 शुभ |
18:49 - 20:12 अमृत |
07:27 - 09:04 रोग |
20:12 - 21:34 चर |
09:04 - 10:42 उद्वेग |
21:34 - 22:56 रोग |
10:42 - 12:19 चर |
22:56 - 24:19+ काल |
12:19 - 13:57 लाभ |
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13:57 - 15:34 अमृत |
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15:34 - 17:12 काल काल वेला |
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17:12 - 18:49 शुभ वार वेला |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।