दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
05:30 - 07:12 चर |
19:06 - 20:24 रोग |
07:12 - 08:54 लाभ |
20:24 - 21:42 काल |
08:54 - 10:36 अमृत वार वेला |
21:42 - 23:00 लाभ काल रात्रि |
10:36 - 12:18 काल काल वेला |
23:00 - 24:18+ उद्वेग |
12:18 - 14:00 शुभ |
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14:00 - 15:42 रोग |
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15:42 - 17:24 उद्वेग |
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17:24 - 19:06 चर |
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
नोट : + अगला दिन
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।