दिन का चौघड़िया | रात्रि का चौघड़िया |
07:16 - 08:32 अमृत | 17:27 - 19:10 चर |
08:32 - 09:49 काल (काल वेला) | 19:10 - 20:54 रोग |
09:49 - 11:05 शुभ | 20:54 - 22:38 काल |
11:05 - 12:21 रोग | 22:38 - 24:21+ लभ(काल रात्रि) |
12:21 - 13:38 उद्वेग | 24:21+ - 26:05+ उद्वेग |
13:38 - 14:54 चर | 26:05+ - 27:49+ शुभ |
14:54 - 16:10 लाभ (वार वेला) | 27:49+ - 29:33+ अमृत |
16:10 - 17:27 अमृत | 29:33+ - 31:16+ चर |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।