दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
05:31 - 07:12 लाभ |
19:05 - 20:23 उद्वेग |
07:12 - 08:54 अमृत |
20:23 - 21:42 शुभ |
08:54 - 10:36 काल काल वेला |
21:42 - 23:00 अमृत |
10:36 - 12:18 शुभ |
23:00 - 24:18+ चर |
12:18 - 14:00 रोग वार वेला |
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14:00 - 15:42 उद्वेग |
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15:42 - 17:24 चर |
26:54+ - 28:12+ लाभ काल रात्रि |
17:24 - 19:05 लाभ |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।