दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
07:15 - 08:31 उद्वेग |
17:26 - 19:09 शुभ |
08:31 - 09:47 चर |
19:09 - 20:53 अमृत |
09:47 - 11:04 लाभ |
20:53 - 22:37 चर |
11:04 - 12:20 अमृतवार वेला |
22:37 - 24:20+ रोग |
12:20 - 13:37 कालकाल वेला |
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13:37 - 14:53 शुभ |
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14:53 - 16:09 रोग |
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16:09 - 17:26 उद्वेग |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।