दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
07:18 - 08:37 अमृत |
17:47 - 19:28 चर |
08:37 - 09:55 कालकाल वेला |
19:28 - 21:10 रोग |
09:55 - 11:14 शुभ |
21:10 - 22:51 काल |
11:14 - 12:32 रोग |
22:51 - 24:32+ लाभकाल रात्रि |
12:32 - 13:51 उद्वेग |
24:32+ - 26:14+ उद्वेग |
13:51 - 15:10 चर |
26:14+ - 27:55+ शुभ |
15:10 - 16:28 लाभवार वेला |
27:55+ - 29:36+ अमृत |
16:28 - 17:47 अमृत |
29:36+ - 31:18+ चर |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।