दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
05:37 - 07:19 चर 07:19 - 09:02 लाभ 09:02 - 10:44 अमृत वार वेला 10:44 - 12:27 काल काल वेला 12:27 - 14:09 शुभ 14:09 - 15:52 रोग 15:52 - 17:34 उद्वेग 17:34 - 19:17 चर |
19:17 - 20:35 रोग 20:35 - 21:52 काल 21:52 - 23:10 लाभ 23:10 - 00:27 उद्वेग* 00:27 - 01:45 शुभ* काल रात्रि 01:45 - 03:02 अमृत* 03:02 - 04:20 चर* 04:20 - 05:37 रोग*
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नोट : * अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।