दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
07:19 - 08:37 शुभ |
17:38 - 19:20 अमृत |
08:37 - 09:54 रोग |
19:20 - 21:03 चर |
09:54 - 11:11 उद्वेग |
21:03 - 22:46 रोग |
11:11 - 12:29 चर |
22:46 - 24:29+ काल |
12:29 - 13:46 लाभ |
24:29+ - 26:11+ लाभकाल रात्रि |
13:46 - 15:03 अमृत |
26:11+ - 27:54+ उद्वेग |
15:03 - 16:20 कालकाल वेला |
27:54+ - 29:37+ शुभ |
16:20 - 17:38 शुभवार वेला |
29:37+ - 31:19+ अमृत |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।