हिन्दू धर्म के अनुसार घर में शंख रखने के बहुत फायदे है, हमारे ग्रंथों में शंख के बारे में यह कहा गया है, कि जिस स्थान पर शंख रखा होता है वहां पर कभी भी नकारात्मक ऊर्जा नही आती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में शंख को रखना शुभ माना गया है। हिन्दू धर्म में मंदिर में शंख को बजाना और रखना बहुत धन लाभ की प्राप्ति में सहायक होता है। धार्मिक दृष्टि से शंख की ध्वनि बहुत ही शुभ मानी जाती है। हिन्दू धर्म में होने वाले सभी प्रका के पूजा पाठ शंख बजाकर ही शुरु किए जाते है। शंख के बजाने से वातावरण में मौजूद सभी प्रकार की अशुद्धियों का नाश हो जाता है तथा नकारात्मक ऊर्जा भी दूर हो जाती है। घर में शंख को रखने से इंसान को हर तरह के लाभ प्राप्त होते है तथा देवी-देवताओं का हमें आर्शीवाद मिलता रहता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान निकलने वाले 14 रत्नों में से एक शंख भी था। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार शंख का संबंध धन की देवी लक्ष्मी से माना जाता है, इसलिए शंख को धन लाभ तथा सुख-समृद्धि से जोड़ कर देखा जाता है। जो लोग अपने घरों में शंख को स्थापित किए हुए है या करना चाहते है तो उन्हें प्रतिदिन शंख की पूजा करनी चाहिए। शंख की पूजा करने से जन्म कुण्डली में लगे पितृ दोष का भी निवारण होता है।
सनातन धर्म में शंख बजाने या फिर शंख नाद करने की बहुत प्राचीन परंपरा है। भारतीय परंपरा के अनुसार विजय प्राप्ति से पहले और विजय प्राप्ति के बाद भी शंख नाद किया जाता रहा है। प्राचीन काल में युद्ध प्रारंभ होने के पूर्व शंख नाद किया जाता था जो कि इस बात का संकेत देता था कि दोनो ओर की सेनाए युद्ध के लिए तैयार है और इसी शंख ध्वनि के साथ युद्ध की शुरुआत होती थी। माता लक्ष्मी जी से शंख का संबंध भाई बहन के जैसा है, क्योंकि पुराणों में मिले वर्णन के अनुसार माता लक्ष्मी समुद्र की पुत्री थी और शंख की उत्पत्ति भी समुद्र से ही मानी जाती है इसलिए रिश्ते में एक दूसरे के भाई बहन हुए।
शंख को बनावट की अनुसार इसको तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है अर्थात जिस शंख को हम दाहिने हाथ से पकड कर शंखनाद करते है उसे दक्षिणावृति शंख कहते है, जिस शंख को बाएं हाथ से पकड कर शंख नाद किया जाता है, उसे वामावृति शंख कहते है तथा जिस शंख का मुख एकदम बीचोंबीच खुलता हो उसे मध्यावृति शंख कहते है। इस तीनों शंखों में दक्षिणावृति शंख का सबसे ज्यादा श्रेष्ठ माना गया है।
शंख के संबंध में वैज्ञानिको का मत है, कि शंख से निकलने वाले तरंगों से वातावरण शुद्ध होता है, जिससे हमारे घर-परिवार और समाज को बिमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही शंख की तरंगों से वातावरण में उपस्थित कीटाणु भी नष्ट हो जाते है। आयुर्वेद के अनुसार शंख से बनी भस्म से पेट की बिमारियों से निजात मिलती है।