ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुण्डली में हमारे भविष्य तथा हमारे जीवन में घट चुकी घटनाओं का विस्तार से वर्णन होता है। इन घटनाओं का वर्णन हमारे जन्म स्थान, जन्म तिथि तथा हमारे जन्म समय से तय होता है। जन्म तिथि तथा जन्म स्थान यह तय करते है कि हमारे जीवन में हमारे साथ क्या होगा और किन-किन परेशानियों का सामना करना पडेगा।
आज के समय में हर इंसान किसी न किसी रेशानी को लेकर परेशान रहता है उस यह भी पता नही चल पाता है कि मेरे साथ यह जो भी घटित हो रहा है वह क्यों ऐसा हो रहा है। परंतु जब वह जब हर जगह जाकर हर उपाय करने के बाद उसे याद आता है, कि कही मेरे ग्रहों या फिर जन्म कुण्डली में बैठे ग्रहों की खराब स्थिति के कारण तो ऐसा नही हो रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारी जन्म तिथि, जन्म समय और स्थान बहुत हमारे भविष्य में होने वाले उतार चढाव के लिए बहुत की अच्छी भूमिका निभाते है। क्योंकि जन्म तिथि तथा स्थान से ही हमारे जन्म कुण्डली के ग्रहों के बारे में जानकारी स्पष्ट होती है। यह जानकारी बिना जन्म समय और जन्म स्थान के बिना पूरी तरह से साफ नही हो पाती है और जब तक ग्रहो की स्थिति का ही पता नही चल पायेगा हम किसी भी व्यक्ति के जीवन के बारे में कैसे भविष्यवाणी कर सकते है।
जन्म तिथि तथा जन्म स्थान हमारी जन्म कुण्डली के प्रारंभिक गाणितीय आंकडे होते है, जिसकी वजह से हम संपूर्ण जन्म कुण्डली का विशलेषण करते है। यह फिर यह कहे कि इन्ही आकड़ो के आधार पर हम किसी भी इंसान के जीवन का भविष्य निर्धारित करते है। जन्म तिथि तथा जन्म समय के द्वारा ही जन्म कुण्डली में दशा, महादशा, अंतर्दशा का निर्माण होता है। जन्म तिथि के ही माध्यम से हमारी जन्म कुण्डली के गुण तथा दोषो को पता चलता है।
जन्म तिथि से हमारे अच्छे और खराब भविष्य की जानकारी प्राप्त होती है। परंतु एक बात को विशेष ध्यान रहें यह प्रारंभिक आकड़े पूर्णतः सटीक होने चाहिए। हमारी जन्म तिथि से ही हमारी शिक्षा, संस्कृति, कैरियर, विवाह, जीवन में होने वाली दुर्घटना था अच्छे बुरे ग्रहों के बारे में पता चलता है।
Importance of Birth Date and Place in Astrology