पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। पंचाग को नित्य पढ़ने/सुनने से देवताओं की कृपा, कुंडली के ग्रहो के शुभ फल मिलते है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना पढ़ना चाहिए।
सूर्योदय: 06:17
सूर्यास्त: 18:03
चन्द्रोदय: 15:23
चन्द्रास्त: 26:38+
पक्ष: शुक्ल पक्ष
तिथि: एकदशी - 26: 44+ तक
नक्षत्र: श्रवण - 20:10 तक
सूर्य राशि: कन्या
चंद्र राशि: मकर
राहुकाल: 16:35 - 18:03
{ नोट :- राहु काल में कोई भी काम करना वर्जित होता है। }
अभिजीतमुहूर्त: 11:46 - 12:33
द्रिक अयन: दक्षिणायण
द्रिक ऋतु: शरद
वैदिक अयन: दक्षिणायण
वैदिक ऋतु: शरद
{ नोट :- राहु काल में कोई भी काम करना वर्जित होता है। }
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