दिन का चौघड़िया |
रात्रि का चौघड़िया |
07:17 - 08:34 कालकाल वेला |
17:29 - 19:13 लाभकाल रात्रि |
08:34 - 09:50 शुभ |
19:13 - 20:56 उद्वेग |
09:50 - 11:07 रोग |
20:56 - 22:40 शुभ |
11:07 - 12:23 उद्वेग |
22:40 - 24:23+ अमृत |
12:23 - 13:40 चर |
24:23+ - 26:07+ चर |
13:40 - 14:56 लाभवार वेला |
26:07+ - 27:50+ रोग |
14:56 - 16:13 अमृत |
27:50+ - 29:34+ काल |
16:13 - 17:29 कालकाल वेला |
29:34+ - 31:18+ लाभकाल रात्रि |
नोट : + अगला दिन
शुभ, लाभ और अमृत को शुभ चौघड़िया माना जाता है।
उद्वेग, रोग और काल अशुभ चौघड़िया है।
चर को समान्य चौघड़िया माना गया है।
जानिए अपना कल जिससे बेहतर हो आपका हर पल।