विश्वभर में फैली हुई अखंड सूर्य के समान प्रत्यक्ष ज्योतिषशास्त्र द्वारा जन्मकुंडली में ग्रहों के अनेक युतियों के योग या दृष्टि सम्बंध से अनंत शुभ-अशुभ राजयोगों का निर्माण होता है। जो जातक को बुलंदियों तक पहुंचा भी देता है यदि अशुभ स्थिति में राजयोग बने हो तो व्यक्ति को बुलंदियों से सामान्य व्यक्ति की तरह बना देता है या मजदूरी करने में मजबूर करा देता है। जातक की जन्मकुंडली में यदि विशेष कर जन्मकुंडली के विशेष भाव में गजकेशरी राजयोग हो तो यह योग सोये हुये मनुष्य को जगा कर एक महान व्यक्ति बना देता है चलो आज चर्चा करते है गजकेशरी योग के बारे में –
ज्योतिषशास्त्र में गजकेशरी योग को एक महा शक्तिशाली एवं शुभफलदायी योग माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली के विशेष भाव ( पंचम- नवम ) गजकेसरी योग बना हो तो उस व्यक्ति को गज यानि हाथी के समान शक्ति और धन-वैभव की अथाह प्राप्ति होती है। परन्तु ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी को इस गजकेशरी योग का शुभ फल प्राप्त हो। किसी व्यक्ति को गजकेसरी योग का अत्यधिक शुभ दायी फल प्राप्त होता है तो किसी के लिए ये सामान्य जनक फलदायी साबित होता है। गजकेसरी योग का अच्छा और बुरा फल कुंडली के द्वादश भावों,एवं राशि, नक्षत्र और गुरु-चंद्र की स्थिति पर निर्भर करता है। क्योंकि जन्मकुंडली में गुरु और चंद्र के बलवान योग होने पर गजकेसरी योग का निर्माण होता है। यदि उसी ही जन्मकुंडली में केमद्रुम योग भी बन रहा हो तो एसे योग में गजकेसरी योग निष्प्रभावी हो जाता है । तथा अन्य सामान्य ग्रहों की तरह अपना शुभ अशुभ फल देता है। गजकेसरी योग में जातक कुशल,तेजस्वी, राजसी तथा अनेक प्रकार सुखों को भोगने वाला और उच्च पद को प्राप्त करने वाला होता है। वह वाद-विवाद जैसे राजनीतिज्ञ में निपुण और वाचाल शक्ति जैसे भाषण कला में निपुण होता है। यदि आपकी जन्मकुंडली में गजकेशरी योग बना हो पर उसका फल नहीं मिल पा रहा हो तो आप इस समस्या के निदान के लिए अपनी जन्मकुंडली ( yes I can change ) द्वारा इस समस्या का फल पूर्ण रूप से प्राप्त कर सकते हैं
अगर आप भी जानना चाहते अपनी कुंडली के गजकेसरी योग के अच्छे बुरे फल के बारे में तो आप गुरुदेव जी.डी वशिष्ठ जी द्वारा निर्मित बनाए जाने वाली ( yes I can change) जन्मकुंडली से शीघ्र जान सकते हैं |
Date Published : 31 Oct 2017